Bhajan Kar Le Bhajan Kar Le Lyrics – Vinod Agarwal
Bhajan Kar Le Bhajan Kar Le – भजन कर ले भजन कर ले – विनोद अग्रवाल
“भजन कर ले भजन कर ले” (विनोद अग्रवाल) के भजन के बोल:
भजन कर ले, भजन कर ले
भजन कर ले रे इंसान
ये तन जाएगा मिट्टी में
जाने कहाँ, भगवान
भजन कर ले रे इंसान
—^^—
सांझ भई, सब दिन बीते
मिटने को आई जान
भजन कर ले रे इंसान
भजन कर ले रे इंसान
—^^—
जगत में झूठा मोह तेरा
झूठा है अभिमान
भजन कर ले रे इंसान
भजन कर ले रे इंसान
—^^—
माया तेरे संग न जाएगी
जग में छोड़ निशान
भजन कर ले रे इंसान
भजन कर ले रे इंसान
—^^—
“भजन कर ले भजन कर ले” भजन एक उपदेशात्मक (didactic) और आध्यात्मिक (spiritual) शैली का है, जिसमें भगवान के प्रति भक्ति और जीवन की नश्वरता के बारे में बताया गया है। यह भजन श्रोताओं को मोह-माया और भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर रहकर, भगवान की भक्ति करने के लिए प्रेरित करता है।
यह भजन समझाने और सिखाने के तराज पर आधारित है, जहाँ इंसान को यह याद दिलाया जाता है कि जीवन अस्थायी है, और अंत में सिर्फ भक्ति और भगवान ही हमारे साथ रहते हैं।
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